संबंधों का एक हिस्सा अब सार्वजनिक हो चला है। 'फेस बुक ' पर आप अंतरंग संबंधों की एक झलक तो देख ही सकते हैं। और 'बिग -बॉस'जैसे ग्रेट शोज़ में 'तू -तू, मैं -मैं ,से लेकर और बहुत कुछ -इक़रार से तकरार से खालिस राड़ तक सब कुछ।
'मुख चिठ्ठे' पर खुली किताब की तरह अंतर्संबंधों को लाना अब बाबा आदम से व्युत्पन्न आदमी का शगल हो गया है। ताज़ा संदर्भ पद्मश्री से विभूषित अनूप जलोटा साहब का रहा है। ऐसा नहीं है के अदाकारों ने अदाकाराओं ने गायक - गायिकाओं ने पूर्व में एक से ज्यादा शादियां नहीं की हैं विवाह पुनर्विवाह नहीं रचाये हैं लेकिन उनका सार्वजनिक प्रदर्शन करके वह इतराये नहीं हैं ,प्रदर्शन से बचे ही रहे हैं।
प्रेम प्रदर्शन की वस्तु रहा भी नहीं है। अध्यात्म का विषय है। दशम गुरु कलगीधर पातशा गुरुगोविंद सिंह कहते हैं :
साँच कहूँ सुन लेओ सभै ,
जिन प्रेम कियो , तिन ही प्रभ पायो।
अलबत्ता प्रेम की गहराई को दिखलाने के लिए लैला- मजनूँ से लेकर वीर-ज़ारा तक अनेक फ़िल्में बनी हैं। देवदास जैसी फ़िल्में तो बार -बार बनी हैं।आइंदा भी बनेंगी।
लेकिन ये फ़िल्में प्रेम का उदात्त स्वरूप ही सामने लाई हैं।जहां आकर प्रेम अशरीरी हो जाता है .
प्रेम का आधार आलिंगन नहीं है ,
प्रेम का सौंदर्य को उपहार रस चुंबन नहीं है।
सत्य ही रहता नहीं ये ध्यान,
तुम कविता कुसुम या कामनी हो।
परमादरणीय पुरुषोत्तम जलोटा जी के सुपुत्र अब साहब जादे हो गए हैं। भातखण्डे विद्या पीठ के पूर्व छात्र ,पंजाब के शाम घराने से ताल्लुक रखने वाले जलोटा जी अब मोतरमा जसलीन माथोरा के खाबिन्द हो गए हैं। बिग बॉस बारह के किरदार दंपत्ति हो गए हैं।
आगे -आगे देखिये होता है क्या ,
इब्तिदा -ए -इश्क है रोता है क्या ?
'मुख चिठ्ठे' पर खुली किताब की तरह अंतर्संबंधों को लाना अब बाबा आदम से व्युत्पन्न आदमी का शगल हो गया है। ताज़ा संदर्भ पद्मश्री से विभूषित अनूप जलोटा साहब का रहा है। ऐसा नहीं है के अदाकारों ने अदाकाराओं ने गायक - गायिकाओं ने पूर्व में एक से ज्यादा शादियां नहीं की हैं विवाह पुनर्विवाह नहीं रचाये हैं लेकिन उनका सार्वजनिक प्रदर्शन करके वह इतराये नहीं हैं ,प्रदर्शन से बचे ही रहे हैं।
प्रेम प्रदर्शन की वस्तु रहा भी नहीं है। अध्यात्म का विषय है। दशम गुरु कलगीधर पातशा गुरुगोविंद सिंह कहते हैं :
साँच कहूँ सुन लेओ सभै ,
जिन प्रेम कियो , तिन ही प्रभ पायो।
अलबत्ता प्रेम की गहराई को दिखलाने के लिए लैला- मजनूँ से लेकर वीर-ज़ारा तक अनेक फ़िल्में बनी हैं। देवदास जैसी फ़िल्में तो बार -बार बनी हैं।आइंदा भी बनेंगी।
लेकिन ये फ़िल्में प्रेम का उदात्त स्वरूप ही सामने लाई हैं।जहां आकर प्रेम अशरीरी हो जाता है .
प्रेम का आधार आलिंगन नहीं है ,
प्रेम का सौंदर्य को उपहार रस चुंबन नहीं है।
सत्य ही रहता नहीं ये ध्यान,
तुम कविता कुसुम या कामनी हो।
परमादरणीय पुरुषोत्तम जलोटा जी के सुपुत्र अब साहब जादे हो गए हैं। भातखण्डे विद्या पीठ के पूर्व छात्र ,पंजाब के शाम घराने से ताल्लुक रखने वाले जलोटा जी अब मोतरमा जसलीन माथोरा के खाबिन्द हो गए हैं। बिग बॉस बारह के किरदार दंपत्ति हो गए हैं।
आगे -आगे देखिये होता है क्या ,
इब्तिदा -ए -इश्क है रोता है क्या ?
Anup Jalota and Jasleen Matharu
https://www.indiatoday.in/television/reality-tv/story/bigg-boss-12-before-jasleen-anup-jalota-was-married-thrice-jaw-dropping-facts-about-the-bhajan-king-1341672-2018-09-17
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